प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने एचपीजेड टोकन पर छापा मारा और लगभग रु। 92 करोड़। सोमवार को गुरुग्राम, मुंबई और बेंगलुरु में छापेमारी की गई।
ED के अनुसार, HPZ टोकन एक ऐप-आधारित टोकन था, जिसने उपयोगकर्ताओं को बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी के लिए खनन मशीनों में निवेश करके निवेश के विरुद्ध महत्वपूर्ण लाभ का वादा किया था।
एचपीजेड टोकन और अन्य के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत साइबर अपराध पुलिस स्टेशन, कोहिमा, नागालैंड द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर तत्काल मामला दर्ज किया गया था। जांच में मनी लॉन्ड्रिंग में बड़ी साजिश और विभिन्न संस्थाओं की संलिप्तता का पता चला।
ईडी की जांच में पता चला है कि लिलियन टेक्नोकैब और शिगू टेक्नोलॉजी एचपीजेड टोकन के नाम पर ऑपरेशन और निवेशकों से पैसा इकट्ठा करने में शामिल थे। आगे की जांच से पता चला कि भूपेश अरोड़ा और उनके सहयोगियों का शिगू टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड पर नियंत्रण था और वह इस कंपनी और विभिन्न अन्य संस्थाओं में अपंजीकृत गेमिंग ऐप्स/वेबसाइटों के संचालन में शामिल था और इन ऐप्स/ की आड़ में भोली-भाली जनता से धोखाधड़ी से धन एकत्र कर रहा था। वेबसाइट।
ईडी के मुताबिक, तलाशी के दौरान कुल मिलाकर रु. मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल संस्थाओं के विभिन्न बैंक खातों/बैंकों/पेमेंट गेटवे के साथ बनाए गए व्यापारी खातों में 91.6 करोड़ रुपये पड़े हुए पाए गए और इसे फ्रीज कर दिया गया। इस मामले में टोटल फ्रीजिंग अब रु. 178 करोड़।
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